मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में मनरेगा से वर्मी टांका बनाने तथा धान खरीदी केंद्रों में चबूतरे और शेड बनाने को प्राथमिकता देने कहा है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सीएम हाउस में छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली। इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कामों की रिपोर्ट अफसरों से ली। मनरेगा से 706 नये ग्राम पंचायत भवन और 672 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मंजूरी दी गई है। सीएम ने राज्य के हर धान संग्रहण केन्द्र में एक-एक शेड बनाने कहा है। बताया गया कि प्रदेश में 4649 चबूतरे बनाने मंजूरी मिली है। इनमें से 4630 चबूतरे बन गए हैं। इस वर्ष मनरेगा से 5500 गौठान बनाने कहा। ऐसे गौठानों में जहां स्व-सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय हैं, वहां आजीविका केन्द्र मंजूर किए जाएं। मनरेगा के तहत नर्सरी, कुंआ और डबरी बनाने तथा नहर लाइनिंग के कामों से लोगों को मिलने वाले लाभ के बारे में सर्वे कराया जाएगा। जिले की उपयोगी डायवर्सन सिंचाई योजनाओं की नहर लाइनिंग का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कराया जाएगा। इससे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने की संभावना है। जिन क्षेत्रों में पानी में हैवीमेटल्स की शिकायत है, वहां सतही जल का उपयोग पीने के पानी के लिए जागरूक किया जाए। खेतों में डबरी और कूपे बनाए जाएंगे ताकि पानी की रि-चार्जिंग हो सके और जरूरत के समय फसलों की सिंचाई में इसका उपयोग किया जा सके।
ये फैसले भी
ऐसे नाले जिनका एक हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है, उसका सम्पूर्ण डीपीआर वन विभाग द्वारा तैयार किया जाए।
वन अधिकार पट्टे वालों को जमीन पर फलदार वृक्ष लगाने, बड़े वृक्षों के बीच हल्दी, अदरक, तीखुर जैसी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
मनरेगा से भूमि विकास और जमीन को घेरने के कार्य कराए जाएंगे।
कृषि विभाग से जमीन पर ट्यूबवेल खनन कराकर क्रेडा से सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे।