प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी नेताओं की उपेक्षा करने के आरोप कांग्रेस पार्टी पर लगाए हैं। धरमलाल ने कहा कि यह साफ है कि कांग्रेस में अब आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है, जिन नेताओं ने पार्टी में सुझाव दिए उनको किनारे कर दिया गया। छत्तीसगढ़ के लोगों को सीडब्लूसी (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) में जगह नहीं मिली यह दिखाता है कि प्रदेश के लोगों की अहमियत क्या है कांग्रेस में एक भी को इस लायक नहीं समझा गया कि सीडब्लूसी में लिया जाए। जो थे उन्हें हटा दिया।
कांग्रेस का जवाब
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिने इस पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, आजादी के बाद देश का नव निर्माण किया । भाजपा जैसी पार्टी के नेताओं के बस में कांग्रेस को समझना नहीं है। सीडब्लूसी में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम हैं, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पूनिया हैं, यह हर कार्यसमिति की बैठक में रहेंगे।
इसलिए विवाद
दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कार्यसमिति का पुनर्गठन करते हुए छह सदस्यों का विशेष पैनल बनाया है। इसमें अहमद पटेल, एके एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला को शामिल किया गया है। पार्टी ने गुलाम नबी आजाद, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेसी मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे और लुइजिन्हो फैलेरियो को महासचिव पद से हटा दिया है। गुलाम नबी आजाद को सबसे बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे राज्यसभा में अभी विपक्ष के नेता भी हैं। हाल में राजस्थान में पार्टी से बगावत कर चुके सचिन पायलट को पार्टी में क्या जिम्मेदारी दी जाए, इसका फैसला बाद में होगा।